भोजन के घटक,संतुलित आहार, BHOJAN KE GHATAK, BHOJAN KE PRAMUKH, CLASS 9TH.

भोजन के घटक,संतुलित आहार, BHOJAN KE GHATAK, BHOJAN KE PRAMUKH, CLASS 9TH.

भोजन के घटक

भोजन के घटककी प्रस्तावना –

नमस्कार प्यारे दोस्तों में हूँ, बिनय साहू, आपका हमारे एमपी बोर्ड ब्लॉग पर एक बार फिर से स्वागत करता हूँ । तो दोस्तों बिना समय व्यर्थ किये चलते हैं, आज के आर्टिकल की ओर आज का आर्टिकल बहुत ही रोचक होने वाला है | क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे भोजन के घटक,संतुलित आहार के बारे में पढ़ेंगे |

भोजन में क्या होता है?

भोजन का शाब्दिक अर्थ होता है कोई भी पौष्टिक पदार्थ जो जीवन को बनाए रखने के लिए, ऊर्जा प्रदान करने के लिए, विकास को बढ़ावा देने के लिए, खाया, पिया अथवा शरीर में लिया जाए या भोजन वह पदार्थ होता है, जिसे जीव अपनी जीविका चलाने हेतु ग्रहण किया करते हैं,  उसे भोजन कहते हैं भोजन एक प्रकार का इंधन है जो शरीर रूपी इंजन को चलाने में सहायक होता है

भोजन के घटक हमें दैनिक कार्यों को करने के लिए ऊर्जा भोजन से प्राप्त होती है। भोजन के पोषक तत्व शरीर की वृद्धि और संचालन में सहायता करते हैं तथा कुछ पोषक तत्व शरीर को निरोग बनाए रखते हैं। भोजन के प्रमुख घटक, उनके स्रोत व कार्य निम्नाकित हैं: –

क्र. भोजन के घटक प्राप्ति के स्रोत कार्य
1 प्रोटीन दूध, अंडा, मांस, मछली, दालें, सोयाबीन आदि शरीर की वृद्धि करना तथा टूटी-फूटी कोशिकाओं की मरम्मत करना।
2 वसा घी, तेल मक्खन आदि शरीर को ऊर्जा एवं मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करना ।
3 कार्बोहाइड्रेट्स अनाज, आलू, शक्कर, शकरकंद आदि शरीर को ऊर्जा प्रदान करना।
4 विटामिन हरी पत्तेदार सब्जी, फल, अंकुरित बीज आदि रोगों से शरीर की रक्षा करना
5 खनिज लवण दूध, फल, सब्जियाँ, अण्डे, मांस इत्यादि शरीर को स्व व रखना तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना।
6 जल प्रकृति से शरीर का तापक्रम स्थिर रखना, उत्सर्जन तथा पाचन जैसी क्रियाओ में सहायक ।

विभिन्न विटामिन्स के स्त्रोत, कमी से होने वाले रोग व उनके लक्षण

क्र. विटामिन का नाम विटामिन के स्रोत कमी से होने वाले रोग रोग के प्रमुख लक्षण
1 विटामिन A (रेटिनॉल) (वसा में विलेय) गाजर, मछली, हरी सब्जियाँ तथा तथा कलेजी रतौंधी या जीरोफ्थेल्मियम कम प्रकाश में वस्तुओं को स्पष्ट न देख पाना ।
2 विटामिन B (थायमिन)  ( जल में विलेय) सोयाबीन, साबुत, अनाज, हरी सब्जी आदि बेरी बेरी हाथ, पैरों में लकवा होना ।
3 विटामिन B2  (राइबोफ्लेविन) ( जल मे विलेय) दूध, अंडा, गेहूं, दाल, सब्जियाँ डर्मेटोसिस त्वचा का फ़टना ।
4 विटामिन B5 (निकोटिनामाइड) ( जल मे विलेय) मांस, यकृत, दूध आदि पेलैग्रा त्वचा का सूखना, मस्तिष्क व पाचन तन्त्र का, ठीक से कार्य न करना ।
5 विटामिन B6 (पिरीडॉक्सिन) ( जल में विलेय) अण्डा, दूध मांस व यीस्ट एनीमिया रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी होना ।
6 विटामिन B12 (कोबालैमीन)  ( जल में विलेय) दूध, अण्डा, मछली यकृतं एनीमिया . रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी होना ।
7 फोलिक एसिड (ज़ल में विलेय) दूध, केला, मांस आदि एनीमिया रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी होना ।
8 विटामिन C (एस्कार्बिक अम्ल)  ( जल मे विलेय) आंवला, नींबू, संतरा, अंगूर, टमाटर आदि स्क्वीं  scurby मसूड़ों में सूजन तथा  दर्द होना ।
9 विटामिन D (कैल्सिफेराल)  ( वसा में विलेय) दूध, मछली, सूर्य प्रकाश में त्वचा द्वारा निर्माण बच्चो में रिकेट्स रीढ़ की हड्डी का
10 विटामिन E (टोकोफेरॉल) अंडा, मांस प्रजनन क्षमता का नष्ट होना
11 विटामिन K (फ़िलोक्वीनोन) ( वसा में विलेय) आलू, दूध

हरी सब्जियाँ आदि 

रक्त का थक्का रक्त का थक्का देर से बनना

देर से बनना 

क्या आप जानते हैं?

पैलाग्रा रोग उन लोगों में पाया जाता है, जो मक्के का आहार लेते हैं। क्योंकि मक्का शरीर में विटामिन B (निकोटिनामाइड) के शोषण में बाधा डालता है। 

एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट के अपघटन से लगभग चार किलो कैलोरी ऊर्जा मिलती है जबकि एक ग्राम बसा के अपघटन से लगभग नौ किलो कैलोरी ऊर्जा मिलती है। 

क्र. खनिज का नाम स्त्रोत कार्य व कमी से होने वाले रोग
1 सोडियम हरी सब्जियाँ तथा नमक रक्त व ऊतकों के निर्माण के लिए आवश्यक ।
2 आयोडीन आयोडीनयुक्त नमक , जल व समुद्री खाद्य वस्तुएं । थाइराइड ग्रंथि की क्रियाशीलता के लिए आवश्यक (घेंघा रोग)
3 कैल्शियम दूध, सब्जियाँ , मांस, अनाज दाँत व हड्डियों के निर्माण के लिए आवश्यक (रिकेट्स रोग )
4 लोहा (आयरन) सलाद, पत्ती वाली सब्जियाँ, हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए  आवश्यक (एनीमिया)
5 मैग्नीशियम हरी सब्जियाँ पेशी व तंत्रिका तन्त्र की क्रिया के लिए आवश्यक ।
6 फास्फोरस दूध, अंडा, अनाज दाँतो व हड्डियों के निर्माण के लिए आवश्यक
7 क्लोरीन नमक, सब्जियाँ जल सन्तुलन तथा पाचन क्रिया `के लिए आवश्यक (उपायचयी क्रिया पर प्रभाव)
8 पोटेशियम सब्जियाँ रक्त के निर्माण तथा वृद्धि के लिए आवश्यक ।
9 सल्फर मांस, दूध, अंडा, मक्खन  आदि प्रोटीन संश्लेषण के लिए आवश्यक मांसपेशियों का फटना

संतुलित आहार –

शरीर को भोजन की आवश्यकता निम्न कारणों से होती है। 

  1. ऊर्जा के लिए
  2. शरीर निर्माण के लिए
  3. शरीर की क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए तथा सुरक्षा के लिए।

संतुलित आहार से तात्पर्य है जिसमें भोजन के समस्त पोषक पदार्थ जैसे- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, जल, विटामिन, खनिज लवण तथा रेशे पर्याप्त मात्रा में उपस्थित हों । संतुलित आहार प्रत्येकं व्यक्ति के लिए समान नहीं होता है । यह विभिन्न कारकों से प्रभावित होता है जैसे-

  1. कार्य की प्रकृति
  2. उम्र
  3. लिंग
  4. स्वास्थ्य
  5. जलवायु व मौसम

लगभग सभी खाद्य पदार्थों में समस्त पोषक तत्व विभिन्न मात्राओं में विद्यमान होते हैं, कुछ अधिक, कुछ कम । इसलिए खाद्य पदार्थो का चुनाव सोच समझकर इस प्रकार किया जाना चाहिए कि शरीर की समस्त आवश्यकताएँ पूरी हो जाएँ।

अन्य सम्बंधित पोस्ट –